जब भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 16 सितंबर 2025 को कई राज्यों के लिए भारी वर्षा चेतावनी जारी की, तो देशभर में मौसम पर नजरें टिकी हुई थीं। इस चेतावनी में नई दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और कई अन्य क्षेत्रों को विशेष रूप से हाइलाइट किया गया।
मौसम की वर्तमान स्थिति: दिल्ली में बिखरी बारिश
नई दिल्ली के लिए नई दिल्ली का आज का तापमान 29.2 °C से लेकर 36.7 °C तक डोल रहा है। सुबह की हवा 14.8 km/h तक धीमी रही, जबकि दोपहर में बादलों का झौंड आया और देर दोपहर‑शाम को बिखरी बारिश ने हल्का आवरण बनाया। यू.आई.आर को 48 % नमी, 10 किमी दृश्यता और 88 % बारिश की संभावनाओं के साथ अपडेट किया।
दिल्ली में हवाई गुणवत्ता कल 107 के ए.क्यू.आई. स्तर पर रही, जिसमें PM2.5 32 µg/m³ और PM10 114 µg/m³ दर्ज हुए। कार्बन मोनोऑक्साइड 646 µg/m³ तक पहुंच गया, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई।
डॉ. वी.के. सिंह, मुख्य मौसम विज्ञानी, ने कहा, "आज की बिखरी बारिश के साथ ही धूल‑धूसर हवा का मिश्रण हवा को थोड़ा भारी बना रहा है, इसलिए एरोबिक आउटडोर एक्टिविटीज़ को सीमित रखें।"
पूर्वी और मध्य भारत में तीव्र वर्षा की चेतावनी
इंडियन मौसम विज्ञान विभाग ने 16‑19 सितंबर के बीच बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और कई मध्य भारतीय राज्यों के लिए तेज़ी से बढ़ती वर्षा की भविष्यवाणी की है। विशेष रूप से 16 व 17 सितंबर को बिहार में "अलग‑अलग बहुत भारी" बारिश होती रहने की संभावना है। उसी दौरान पश्चिम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में हल्की‑से‑मध्यम बवंडर के साथ भारी बूँदें गिर सकती हैं।
विदर्भ, गंगात्मक पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्व मध्य प्रदेश में भी समान वर्षा पैटर्न दिखेगा। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह को 17‑20 सितंबर के बीच निरंतर बारिश का सामना करना पड़ेगा, जबकि सुदूर पश्चिम बंगाल व सिक्किम में 16‑18 सितंबर तक बूँदें गिरेंगी।
पूर्वोत्तर भारत में भी रौदी‑से‑मध्यम वर्षा की संभावना है, जिसमें असम और मेघालय में संभावित भीषण बवंडर की चेतावनी जारी है। अरुणाचल प्रदेश को केवल 18 सितंबर को ही साफ़ रहने की उम्मीद है; बाकी दिन में हल्की‑से‑मध्यम बारिश जारी रहेगी।

वायु गुणवत्ता पर असर और सावधानियां
बारिश के साथ ठंडी हवा आम तौर पर शहरों में ए.क्यू.आई. को घटाती है, परंतु दिल्ली जैसा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में रेन‑ड्राफ्ट प्रभाव कभी‑कभी PM10 को नहीं गिरने देता। इस कारण से अस्थायी रूप से फिर भी धुंधली हवा महसूस हो सकती है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि अगर ए.क्यू.आई. 100‑150 के बीच हो तो आउटडोर वर्कर अपनी ब्रेक लेवें, और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर चलाएं।
कंधे‑बदले मौसम के साथ बिजली भी चमक सकती है; विशेष रूप से उत्तराखंड‑हिमालयी क्षेत्रों में तेज़ बिजली गिरने की रिपोर्टें सामने आई हैं। अतः घर में इलेकट्रिकल उपकरणों को अनप्लग करने की सलाह दी गई है।
आगामी दिनों की भविष्यवाणी और तैयारियां
16 सितंबर के बाद दिल्ली में 17‑21 सितंबर तक लगातार बारिश की संभावना बनी रहेगी। 17 सितंबर को अधिकतम तापमान 36.1 °C, 18 सितंबर को 35.1 °C और 20‑21 सितंबर को क्रमशः 36.9 °C व 37.1 °C तक पहुंच सकता है। 22 सितंबर को मौसम साफ़‑सुथरा होने की उम्मीद है, जिससे गर्मी के बाद हल्की ठंडक आएगी।
बिहार में 16‑19 सितंबर के दौरान "इसेफिकेशन" स्तर पर बारिश होगी, जिससे बाढ़ का जोखिम बढ़ सकता है। जिला स्तर पर जल निकास की सफाई, सरवरी मैपिंग और एम्बुलेंस तैनात करना आवश्यक माना गया है। स्थानीय प्रशासन ने "लाल चेतावनी" जारी कर आपातकालीन टोलियों को तैयारी के लिए कहा।
जिला‑वार विस्तृत चेतावनी GIS पोर्टल पर उपलब्ध है, जहाँ से किसान, व्यापारियों और मार्ग नियोजकों को रीअल‑टाइम अपडेट मिल सकता है।

इतिहास और मौसम विज्ञान की भूमिका
पिछले साल इसी अवधि में भी मध्य भारत में तीव्र मानसून की शुरुआत देखी गई थी, लेकिन इस बार पूर्वी भारत में अधिक व्यवस्थित बाढ़ नियंत्रण उपायों की कमी के कारण नुकसान अधिक हो सकता है। इत्राने के अनुसार, 2024 में बिहार में 2,300 हजार लोग जल‑जनित रोगों से ग्रसित हुए थे।
भविष्य में मौसम विज्ञान विभाग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता‑आधारित मॉडलिंग को अपनाने की घोषणा की है, जिससे लम्बी अवधि के पूर्वानुमान की सटीकता बढ़ेगी। "हमारी कोशिश है कि लोगों को समय पर सचेत किया जाए, ताकि जीवन और संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके," डॉ. वी.के. सिंह ने जोड़ा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
दिल्ली में बिखरी बारिश से दैनिक जीवन पर क्या असर होगा?
बिखरी बारिश के कारण ट्रैफ़िक जाम और धीमी रफ्तार की संभावना है। ए.क्यू.आई. स्तर मध्यम‑उच्च रहने के कारण अस्थायी रूप से बाहर जाने से बचें, और यदि संभव हो तो काम‑काज घर से ही करें। सार्वजनिक स्थानों में भीड़ कम रहने की सलाह दी गई है।
बिहार में भारी वर्षा से बाढ़ जोखिम कितना गंभीर है?
बिहार के कई निचले इलाकों में 16‑19 सितंबर तक 100‑150 मिमी तक बारिश सम्भावित है, जिससे नदियों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ेगा। जिला प्रशासन ने जल निकासी की साफ़‑सफ़ाई, बचाव दल की तैनाती और सतर्कता चेतावनी जारी कर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
जलवायु परिवर्तन का इस वर्ष के भारी वर्षा पैटर्न से क्या संबंध है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि वार्षिक औसत तापमान में वृद्धि के कारण मौसम का असामान्य चक्र बढ़ा है। प्रयोगशाला डेटा दर्शाता है कि पिछले 30 वर्षों में भारत में तीव्र वर्षा की घटनाएँ 20 % अधिक हुई हैं, जिससे बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में जोखिम बढ़ता है।
आगामी हफ्ते में यात्रियों को कौन से सावधानी उपाय अपनाने चाहिए?
यदि आप यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले स्थानीय मौसम ऐप से रियल‑टाइम अपडेट देखें। सड़क बंद होने या बाढ़ के कारण मार्ग बदलने की संभावना को ध्यान में रखें, और आपातकालीन संपर्क नंबर हमेशा अपने साथ रखें।
क्या इस मौसम में कृषि को विशेष जोखिम है?
किसानों को अत्यधिक वर्षा से फसल क्षति रोकने के लिए जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। विशेष रूप से धान के खेतों में जल‑स्थिरता देखी जाएगी, जबकि दलहन व फलों की बीजाइयों को हल्का‑सुखी मौसम के अनुसार समायोजित करना उचित रहेगा।