रिपोर्ट: राघवेंद्र
20 मिनट में 20 से 80% चार्ज और दावा की गई 656 किमी रेंज—यही वह कॉम्बिनेशन है जो महिंद्रा की दो नई इलेक्ट्रिक एसयूवीज़ को सुर्खियों में ला रहा है। कंपनी ने INGLO प्लेटफॉर्म पर बनी XEV 9e और BE 6 के साथ प्रीमियम ईवी सेगमेंट में अपना अगला बड़ा दांव लगाया है। कीमत की शुरुआत 26.50 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से बताई गई है, और फीचर्स ऐसे जो अब तक सिर्फ महंगे ग्लोबल मॉडल्स में दिखते थे।
नए इलेक्ट्रिक SUVs: प्लेटफॉर्म, पावरट्रेन और टेक
Mahindra XEV 9e इस लॉन्च की केंद्र में है। यह रियर-व्हील-ड्राइव कॉन्फिगरेशन में एक 210 kW परमानेंट मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर (PMSM) के साथ आती है। कंपनी दो बैटरी पैक दे रही है—59 kWh और 79 kWh। MIDC के मुताबिक 59 kWh पैक की रेंज 542 किमी तक और 79 kWh पैक की रेंज 656 किमी तक है। पावर आउटपुट 59 kWh वैरिएंट में 228 bhp और 79 kWh वैरिएंट में 282 bhp तक जाता है, दोनों में 380 Nm टॉर्क समान है, जिससे ओवरटेकिंग और हाईवे क्रूज़िंग कॉन्फिडेंट रहती है।
79 kWh पैक BYD की ब्लेड बैटरी टेक्नोलॉजी (LFP सेल्स) पर आधारित है। LFP बैटरियां थर्मल सेफ्टी, लंबी लाइफ और बार-बार 100% चार्ज-डीप डिस्चार्ज साइकिल संभालने के लिए जानी जाती हैं। पैकेजिंग फ्लैट फ्लोर देती है, जिससे केबिन स्पेस बेहतर बनता है और सेंटर ऑफ ग्रेविटी नीचे रहता है।
चार्जिंग पार्ट पर महिंद्रा ने आक्रामक स्पेसिफिकेशन रखे हैं। 180 kW DC फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 20 से 80% चार्ज लगभग 20 मिनट में संभव बताया गया है। यह समय बैटरी टेम्परेचर, चार्जर आउटपुट और चार्जिंग टेपर पर निर्भर करेगा, लेकिन हाईवे स्टॉप्स को छोटा रखने के लिए यह फिगर अहम है। घर या ऑफिस में AC चार्जिंग के लिए 7.2 kW और 11.2 kW विकल्प हैं; फुल चार्ज तकरीबन 8 घंटे में हो जाएगा—रातभर की चार्जिंग के लिए यह व्यावहारिक है।
इंटीरियर में ट्रिपल स्क्रीन सेटअप सबसे ज्यादा ध्यान खींचता है—12.3-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, 12.3-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले और 12.3-इंच फ्रंट पैसेंजर डिस्प्ले। वायरलेस Android Auto और Apple CarPlay के साथ शॉपिंग, सोशल और OTT ऐप्स का सपोर्ट मिलता है। ऑडियो के लिए 16-स्पीकर Harman Kardon सिस्टम दिया गया है, जो हाईवे पर भी केबिन को थिएटर जैसा अनुभव देता है।
सेफ्टी महिंद्रा के एजेंडा में ऊपर है। XEV 9e को 2025 में Bharat NCAP से 5-स्टार रेटिंग मिली है। सात एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, हिल-होल्ड, ISOFIX एंकर, 360-डिग्री कैमरा और ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग बेस लाइन का हिस्सा हैं। लेवल-2 ADAS में एडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट और ऑटो इमरजेंसी ब्रेकिंग शामिल हैं—ये लंबी ड्राइव्स पर थकान घटाते हैं, हालांकि ड्राइवर की निगरानी जरूरी रहती है।
परफॉर्मेंस के मोर्चे पर हाई-स्पेक वैरिएंट का 0-100 किमी/घंटा का दावा 6.8 सेकंड का है। ड्राइव मोड्स—रेंज, एवरीडे और रेस—ड्राइवर के मूड और ट्रैफिक के हिसाब से रेस्पांस बदलते हैं। रीजेन ब्रेकिंग के चार लेवल मिलते हैं, जिनमें हाई सेटिंग पर शहरी ट्रैफिक में लगभग वन-पैडल ड्राइविंग जैसा अनुभव मिलता है।
कम्फर्ट और सुविधा फीचर्स की सूची लंबी है—पैनोरमिक सनरूफ, डुअल-ज़ोन ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस फोन चार्जिंग, मेमोरी फंक्शन के साथ पावर्ड ड्राइवर सीट, फ्रंट सीट वेंटिलेशन और पावर्ड टेलगेट। इन्हें मिलाकर केबिन प्रीमियम सेगमेंट की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है।
महिंद्रा का कहना है कि BE 6 भी इसी INGLO प्लेटफॉर्म पर होगा और तकनीक, परफॉर्मेंस व सेफ्टी के मामले में XEV 9e के बराबरी का पैकेज देगा। डिजाइन भाषा बोल्ड रखी गई है—कूपे-एसयूवी प्रोफाइल, शार्प लाइट सिग्नेचर और एयरो-फोकस्ड डिटेल्स की झलक कंपनी टीज़र्स में पहले दे चुकी है। सेगमेंट के हिसाब से यह मिड-साइज़ से ऊपर, प्रीमियम फैमिली ईवी खरीदारों को टारगेट करेगा।
बैटरी, थर्मल मैनेजमेंट और पैकेजिंग को देखते हुए रियल-लाइफ रेंज आमतौर पर MIDC दावे से कम होती है। शहर-हाईवे मिक्स में 15–20% कम आंकड़े अपेक्षित हैं, फिर भी 79 kWh पैक के साथ लंबी रोड ट्रिप्स व्यावहारिक लगती हैं—विशेषकर अगर हाईवे पर 120–180 kW चार्जर्स उपलब्ध हों।

कीमत, पोजिशनिंग और खरीदारों के लिए मायने
XEV 9e की शुरुआती कीमत 26.50 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) पैक टू 79 kWh वैरिएंट के लिए बताई गई है। यह इसे प्रीमियम इलेक्ट्रिक एसयूवी बैंड में डालता है, जहां फिलहाल कुछ स्थापित और कुछ नए खिलाड़ी मौजूद हैं। महिंद्रा अतिरिक्त वैरिएंट्स भी लाएगी—59 kWh बैटरी के साथ पैक थ्री और 79 kWh के साथ पैक थ्री सिलेक्ट। इससे अलग-अलग बजट और रेंज जरूरतों के लिए विकल्प खुलेंगे।
मार्केट संदर्भ में यह पोजिशनिंग दिलचस्प है। कई खरीदार अब 400+ किमी रेंज और फास्ट-चार्ज सपोर्ट को बेसलाइन मान रहे हैं। महिंद्रा ने 180 kW DC सपोर्ट देकर भविष्य की चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर दिशा को साधा है। आज की तारीख में 30–60 kW चार्जर्स ज्यादा आम हैं, लेकिन मेट्रो और प्रमुख हाईवे कॉरिडोर्स पर 120–200 kW स्टेशन तेजी से लग रहे हैं। कार बैकवर्ड-कम्पैटिबल रहेगी, यानी जहां 50 kW चार्जर होगा वहां उतने ही आउटपुट पर चार्ज करेगी; हाई-आउटपुट स्टेशन पर समय बचेगा।
ओनरशिप कॉस्ट की बात करें तो ईवी चलाना पेट्रोल-डीजल से सस्ता पड़ता है। अगर औसतन 5–6 किमी/कWh की रियल-वर्ल्ड एफिशिएंसी मानें और घरेलू बिजली टैरिफ 7–10 रुपये/कWh लें, तो प्रति किमी ऊर्जा लागत लगभग 1–2 रुपये बैठती है। सर्विसिंग भी कम पार्ट्स के कारण हल्की रहती है—तेल बदलने जैसी जरूरत नहीं, ब्रेक पैड्स पर लोड कम क्योंकि रीजेन ब्रेकिंग काम करती है।
कनेक्टेड फीचर्स और सॉफ्टवेयर सपोर्ट अब खरीद निर्णय का बड़ा फैक्टर बन गए हैं। ट्रिपल-स्क्रीन लेआउट के साथ यूएक्स स्मूद होना जरूरी होगा। वायरलेस कनेक्टिविटी, एप्स और ओवर-द-एयर अपडेट्स से इंफोटेनमेंट और एडीएएस एल्गोरिद्म्स समय के साथ बेहतर किए जा सकते हैं। यहां डेटा प्राइवेसी और ड्राइवर-डिस्ट्रैक्शन कंट्रोल्स महत्त्वपूर्ण हैं—जैसे चलते वाहन में पैसेंजर स्क्रीन की कंटेंट गवर्नेन्स।
सेफ्टी पर वापस आएं तो Bharat NCAP की 5-स्टार रेटिंग भरोसा देती है। एडीएएस का वास्तविक लाभ तब मिलता है जब लेन मार्किंग साफ हो और मौसम सहयोग करे। खरीदारों को यह समझना चाहिए कि लेवल-2 सिस्टम चालक की जगह नहीं लेते—हाथ स्टीयरिंग पर और आंखें सड़क पर रहनी चाहिए।
ड्राइव डायनेमिक्स की बात करें तो रियर-व्हील-ड्राइव लेआउट वजन वितरण और स्टीयरिंग फील को फायदा देता है। बैटरी पैक फ्लोर में होने से रोल कम होता है और हाईवे पर कार planted महसूस होती है। बड़े व्हील-टायर कॉम्बो स्टांस को भरते हैं, पर रेंज पर असर डाल सकते हैं; इसलिए वैरिएंट-टु-वैरिएंट रेंज में छोटे अंतर दिख सकते हैं।
थर्मल मैनेजमेंट ईवी परफॉर्मेंस की कुंजी है। तेज चार्जिंग और लगातार हाई-स्पीड रन के बीच बैटरी तापमान को कंट्रोल में रखना जरूरी है ताकि चार्जिंग टेपर जल्दी शुरू न हो। महिंद्रा ने प्लेटफॉर्म लेवल पर बैटरी पैकेजिंग और कूलिंग पर जोर दिया है, जो 20-मिनट चार्ज दावे का आधार भी है।
होम चार्जिंग सेटअप पर एक नजर: 7.2 kW या 11.2 kW वॉलबॉक्स रोज़मर्रा के लिए पर्याप्त है। 15A सॉकेट पर स्लो चार्जिंग आपात स्थिति में संभव है, पर यह नियमित समाधान नहीं माना जाता। सोसाइटी या ऑफिस में मीटरिंग, सेफ्टी ब्रेकर और पार्किंग एक्सेस जैसे मुद्दों पर पहले से प्लानिंग करनी चाहिए।
वारंटी और सर्विस पैकेज का पूरा डिटेल लॉन्च के साथ साफ होगा। ईवी इंडस्ट्री में बैटरी पर 8 साल/1.6 लाख किमी जैसी वारंटी आम दिखती है; महिंद्रा की शर्तें क्या होंगी, यह देखना दिलचस्प होगा। साथ ही, रोडसाइड असिस्टेंस, मोबिलिटी सॉल्यूशंस (जैसे चार्जर ऑन-व्हील्स) और ऐप-आधारित सपोर्ट ओनरशिप अनुभव तय करेंगे।
बीई 6 के रोल पर बात करें तो यह XEV 9e के समान तकनीकी स्तर पर खड़ी दिखती है, पर डिजाइन और पोजिशनिंग इसे अलग पहचान देती है। जो खरीदार स्टाइल-फॉरवर्ड, स्पोर्टी प्रोफाइल चाहते हैं, वे BE 6 की ओर झुक सकते हैं। वहीं XEV 9e एक फैमिली-फोकस्ड, फीचर-रिच ईवी पैकेज पेश करती है। दोनों मिलकर महिंद्रा की ईवी लाइन-अप का प्रीमियम चेहरा बनाते हैं।
लॉन्च टाइमलाइन पर कंपनी ने “आने वाले महीनों” का संकेत दिया है। होमोलॉगेशन और सप्लाई चेन क्लैरिटी के बाद बुकिंग विंडो खुलेगी—यह वह चरण होगा जहां वेरिएंट-ट्रिम, कलर्स और एक्सेसरी किट्स का पूरा पत्ता खुलता है। प्राइसिंग स्ट्रेटेजी फिलहाल आक्रामक लग रही है, और शुरुआती बैच के लिए डिलीवरी समय भी एक अहम फैक्टर होगा।
आखिर में, सवाल वही—क्या यह पैकेज आपकी जरूरतों को फिट करता है? अगर आपकी प्राथमिकता लंबी रेंज, तेज चार्जिंग, 5-स्टार सेफ्टी और भरपूर टेक है, तो XEV 9e और BE 6 शॉर्टलिस्ट पर ऊपर जगह बनाते हैं। जिन्हें रोज़ 30–50 किमी का शहरी कम्यूट है, उनके लिए 59 kWh वैरिएंट समझदारी लग सकता है; फ्रीक्वेंट हाईवे ट्रैवलर्स के लिए 79 kWh विकल्प मानसिक सुकून देगा।