हम रोज़ कई चीज़ों से अपने शरीर और मन को नुकसान पहुंचाते हैं, पर अक्सर इस नुकसान को बिगाड़ कहते हैं। क्या आप भी कभी सोचे हैं कि ये छोटे‑छोटे बिगाड़ आपके स्वास्थ्य को कितना प्रभावित करते हैं? अगर हाँ, तो यह लेख आपके लिये है। यहां हम बताते हैं कि बिगाड़ किन कारणों से होता है और उसे रोकने के सरल कदम क्या हैं।
पहला कारण है असंतुलित आहार। बहुत ज़्यादा तली‑भुनी या मीठी चीज़ें खाने से इंसुलिन का स्तर अस्थिर होता है, जिससे शरीर में सूजन बढ़ती है। दूसरा कारण अनियमित नींद है। पाँच घंटे से कम सोने से शरीर में हार्मोन बिगड़ते हैं, जिससे थकान और तनाव दो गुना हो जाता है। तीसरा कारण है अत्यधिक स्क्रीन टाइम। लगातार मोबाइल या कंप्यूटर देखना आँखों की थकान और रीढ़ में तनाव पैदा करता है। चौथा कारण अक्सर व्यायाम की कमी है; शरीर को हलचल न मिलने से मेटाबॉलिज़्म धीमा पड़ जाता है और वजन बढ़ता है। अंत में, तनावपूर्ण माहौल भी बड़ा बिगाड़कर्ता है; लगातार तनाव से कोर्टिसोल बढ़ता है, जिससे हृदय रोग और डिप्रेशन का जोखिम बढ़ता है।
पहला कदम है पानी का सेवन बढ़ाना। दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और त्वचा चमकती है। दूसरा, हर दिन कम से कम 30 मिनट चलना या हल्का व्यायाम करना चाहिए; इससे मेटाबॉलिज़्म तेज़ रहता है और मन भी ताज़ा होता है। तीसरा, खाने में फाइबर और प्रोटीन को प्राथमिकता दें—दाल, सब्ज़ी, नट्स और दही जैसे विकल्प अपने भोजन में शामिल करें। चौथा, स्क्रीन टाइम को सीमित करें; कम से कम एक घंटे की नींद से पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद रखें। पाँचवा, तनाव को कम करने के लिये गहरी साँसें लेना, योग या ध्यान करना मददगार है। इन छोटे बदलावों को रोज़मर्रा की आदत में बदलें, फिर देखेंगे कि बिगाड़ धीरे‑धीरे नहीं रहेगा।
ध्यान रखें, बिगाड़ को पूरी तरह खत्म करना मुश्किल हो सकता है, पर निरंतर प्रयास से उसका असर कम किया जा सकता है। जब आप अपने शरीर की जरूरतों को समझते हैं और छोटे‑छोटे बदलाव अपनाते हैं, तो स्वास्थ्य पर पड़ने वाला नकारात्मक असर घटता है। आज से ही एक ही बदलाव चुनें—जैसे सुबह के नाश्ते में फल जोड़ना या शाम को 10 मिनट मेडिटेशन। धीरे‑धीरे आप इस प्रक्रिया में आत्मविश्वास पाएँगे और बिगाड़ को अपने जीवन से बाहर निकाल पाएँगे।
आपका स्वास्थ्य आपके हाथों में है। छोटे‑छोटे कदम मिलकर बड़े परिणाम देते हैं। अब समय है बिगाड़ को पीछे छोड़ने का और बेहतर जीवन की ओर कदम बढ़ाने का।