जब हम न्याय, व्यक्ति या समूह के अधिकारों की रक्षा करने वाला सिद्धांत, जो सत्य और समानता पर आधारित होता है, की बात करते हैं, तो यह अक्सर इंसाफ के रूप में भी जाना जाता है। न्याय के मुख्य गुण में निष्पक्षता, पारदर्शिता और अधिकार‑सुरक्षा शामिल हैं। मूल रूप से यह समाज में संतुलन बनाये रखने की कोशिश करता है।
एक प्रमुख क़ानून, लिखित नियमों का संग्रह जो न्याय को लागू करने के उपकरण के रूप में काम करता है है। क़ानून न्याय की वास्तविकता को साकार करता है; यह तय करता है कि कब, कैसे और कौन‑सी सज़ा दी जाएगी। इसका एक प्रमुख एट्रिब्यूट "प्रकार" है, जिसमें फौजदारी, दीवानी और नागरिक क़ानून शामिल हैं। इस तरह क़ानून बिना न्याय के अधूरा है, जबकि न्याय क़ानून के बिना केवल विचार रह जाता है।
जैसे ही हम समानता, सभी व्यक्तियों को अवसर और अधिकारों में बराबर रखने का सिद्धांत जोड़ते हैं, हमें एहसास होता है कि न्याय का सबसे महत्वपूर्ण उप‑लक्ष्य यही है। समानता के बिना, न्याय केवल कुछ लोगों के लिए ही काम करता है। उदाहरण के तौर पर अगर नौकरी में चयन केवल जाति या लिंग के आधार पर किया जाए, तो वह न्याय की परिभाषा के खिलाफ जाएगा।
एक और जुड़ी हुई इकाई सामाजिक न्याय, सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने के लिए नीति‑निर्माण और उपायों का समुच्चय है। इसका लक्ष्य संसाधनों की समान बँटवारा और अवसरों की समता है। सामाजिक न्याय कहता है कि हर व्यक्ति को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक समान पहुंच मिले। यह न केवल न्याय का विस्तार है, बल्कि क़ानून और समानता को व्यावहारिक रूप से लागू करने का तरीका भी है.
इन सभी तत्वों के बीच के संबंध को समझना आसान नहीं लगता, पर कुछ सरल ट्रिपल्स मदद करेंगे:
- न्याय समावेशी समाज बनाता है।
- क़ानून न्याय को साकार करता है।
- समानता न्याय की नींव है।
- सामाजिक न्याय आर्थिक असमानता को कम करता है।
इन संबंधों को देखते हुए आप देख सकते हैं कि इन चारों इकाइयों का आपस में गहरा तालमेल है।
अब तक हमने न्याय की मूलभूत परिभाषा, उसके प्रमुख घटक—क़ानून, समानता और सामाजिक न्याय—का परिचय दिया है। हमने बताया कि कैसे ये घटक मिलकर निर्णय‑प्रक्रिया, अधिकार‑रक्षा और सामाजिक समरसता को आकार देते हैं। यह संग्रह इस बात पर केंद्रित है कि इन अवधारणाओं को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे लागू किया जा सकता है, चाहे आप एक छात्र हों, पेशेवर या सामाजिक कार्यकर्ता।
नीचे आप विभिन्न लेखों की सूची पाएँगे जो न्याय के विभिन्न पहलुओं—उत्पाद मूल्य में न्याय, स्वास्थ्य सेवाओं में न्याय, तथा सामाजिक बदलावों में न्याय—को विस्तार से समझाते हैं। पढ़ते रहें और देखें कि कैसे ये सिद्धांत आपके दैनिक निर्णयों और दीर्घकालिक योजनाओं में फिट हो सकते हैं।