जब हम मौसम और जलवायु, वायुमंडल में तापमान, नमी, वायुदाब आदि के निरंतर परिवर्तन और उनका मानव जीवन व पर्यावरण पर असर. Also known as मौसम विज्ञान, it influences दैनिक निर्णय‑निर्धारण से लेकर कृषि‑व्यवसाय तक हर पहलू को आकार देता है। इस दायरे में मौसम चेतावनी, विज्ञान‑आधारित पूर्वसूचना जो बरसात, तूफान या अत्यधिक तापमान जैसी घटनाओं के जोखिम को दर्शाती है लोगों को समय पर तैयार होने में मदद करती है।
देश के अधिकांश क्षेत्रों में जानकारी का प्रमुख स्रोत भारत मौसम विज्ञान विभाग, एक सरकारी संस्था जो राष्ट्रीय स्तर पर मौसम‑पृष्ठभूमि, चेतावनी और भविष्यवाणी प्रदान करती है है। इस विभाग द्वारा जारी मौसम चेतावनी न केवल जीवन‑सुरक्षा बल्कि कृषि‑उपज और आर्थिक निर्णयों पर भी सीधा असर डालती है। जब विभाग के वैज्ञानिक कहते हैं कि भारी वर्षा की संभावना है, तो इसका मतलब है कि स्थानीय प्रशासन और आम जनता दोनों को तैयार रहना चाहिए।
एक और महत्वपूर्ण घटक बारिश, वायुमंडलीय जलवाष्प का संघनन होकर पृथ्वी की सतह पर गिरना है। बारिश का पैटर्न मौसम चेतावनी के माध्यम से नागरिकों को बताया जाता है, जिससे जल‑स्रोत प्रबंधन से लेकर ट्रैफ़िक नियंत्रण तक के उपायों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके। उदाहरण के तौर पर, जब दिल्ली में बिखरी बारिश की चेतावनी आती है, तो लोगों को यात्रा‑सुरक्षा के लिए सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
जलवायु परिवर्तन, जिसका अर्थ है दीर्घकालिक औसत तापमान और वर्षा पैटर्न में बदलाव, इस श्रेणी के मुख्य विषयों में से एक है। यह परिवर्तन मौसमी घटनाओं के तीव्रता को बढ़ा सकता है, जिससे मौसम चेतावनी की आवृत्ति और गंभीरता दोनों में वृद्धि होती है। भारत में हालिया शोध दिखाते हैं कि वार्षिक औसत तापमान बढ़ने के साथ ही अत्यधिक वर्षा के घटनाक्रम भी बढ़ रहे हैं, जिससे बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में जोखिम की नई लकीरें बन रही हैं।
इन सभी कड़ियों – मौसम चेतावनी, बारिश, भारत मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव – को समझना आसान नहीं है, पर हमारे पास यही सारे पेचीदा संबंधों को सरल शब्दों में समझाने का अनुभव है। नीचे आप देखेंगे कि कैसे दी गई जानकारी को दैनिक जीवन में लागू किया जा सकता है, क्या कदम उठाने चाहिए और कौन‑सी तकनीकी टूल्स मदद कर सकती हैं। इस संग्रह में आपको नवीनतम इमरजेंसी अलर्ट, क्षेत्र‑विशिष्ट मौसम‑रिपोर्ट और विशेषज्ञों की व्याख्याएँ मिलेंगी। इन लेखों को पढ़ते‑पढ़ते आप न केवल वर्तमान मौसम के बारे में जान पाएँगे, बल्कि भविष्य की जलवायवीय चुनौतियों के लिए भी तैयार रहेंगे।