जब बात भारत मौसम विज्ञान विभाग, देश की सरकारी संस्था है जो मौसम, जलवायु और मौसम विज्ञान से जुड़ी जानकारी एकत्रित और प्रकाशित करती है, तो यह समझना जरूरी है कि यह विभाग कूद-कूद कर नयी तकनीक अपनाता है। इसे अक्सर IMD भी कहा जाता है। इस विभाग की प्रमुख जिम्मेदारी मौसम पूर्वानुमान प्रदान करना, मोनसून की स्थिति ट्रैक करना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को मॉनीटर करना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के काम को समझने के लिए मौसम विज्ञान, वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का अध्ययन है जो मौसम को निर्धारित करती हैं को देखना आवश्यक है। इस विज्ञान में मॉनसन, गर्मियों में दक्षिणी हवा और शीतकाल में उत्तरी हवा का उतार-चढ़ाव विशेष भूमिका निभाता है; मोनसून की ताक़त सीधे फसल उत्पादन और जल संसाधनों को प्रभावित करती है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन, दीर्घकालिक तापमान, वर्षा और हवा में होने वाले परिवर्तन को भी विभाग लगातार मॉनीटर करता है, क्योंकि यह भविष्य के मौसम पैटर्न को बदल सकता है। इन तीनों (मौसम विज्ञान, मोनसून, जलवायु परिवर्तन) के बीच का संबंध इस तरह है: मौसम विज्ञान मोनसून को समझने का आधार देता है, जबकि जलवायु परिवर्तन मोनसून की ताक़त और अवधि को बदल सकता है, जिससे विभाग को नई भविष्यवाणियों की ज़रूरत पड़ती है।
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