अभी कई लोग कार में पेट्रोल‑डिज़ल्ट के बजाय बिजली वाले विकल्प की तरफ देख रहे हैं। खासकर SUV की माँग बढ़ी है, इसलिए बाजार में इलेक्ट्रिक एसयूवी (इवी SUV) की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है। अगर आप भी इस माइंडसेट में हैं, तो इस लेख में हम बताएंगे कि इलेक्ट्रिक एसयूवी में क्या खास है, कौन‑से फ़ायदे हैं, और कौन‑सी बातों पर ध्यान देना चाहिए।
पहला तो है ड्राइविंग कॉस्ट। पेट्रोल/डिज़ल्ट की तुलना में बिजली सस्ती होती है, इसलिए रोज‑मर्रा की यात्रा में ख़र्च घटता है। दूसरा, एसी और इलेक्ट्रिक मोटर की मिलावट से आवाज़ बहुत कम होती है, जिससे शांति मिलती है। तीसरा, ईवी पर अक्सर सरकारी सब्सिडी या टैक्स में छूट मिलती है, जिससे शुरुआती कीमत घटती है। और हाँ, बैटरी टेक्नोलॉजी सुधरते ही रेंज भी बढ़ती जा रही है – आज के कई मॉडल 400 km या उससे भी ज्यादा टॉप रेंज देते हैं।
रेंज सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि आपकी रोज़मर्रा की ज़रूरतों से मेल खाना चाहिए। अगर आप शहर में ज़्यादा ड्राइव करते हैं और वीकेंड पर छोटे‑छोटे ट्रिप लेते हैं, तो 300 km रेंज वाला मॉडल ठीक रहेगा। लेकिन अगर अक्सर लम्बी रोड‑ट्रिप पर निकलते हैं, तो 500 km रेंज वाले मॉडल को प्राथमिकता दें।
दूसरी बात है चार्जिंग इन्फ्रा। आपके घर पर लेवल‑2 चार्जर लगाना आसान है, लेकिन अगर आप अक्सर हाईवे पर जाते हैं तो फास्ट‑चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता देखनी चाहिए। बिजली की कीमत भी राज्य‑स्तर पर अलग‑अलग होती है, इसलिए अपनी लोकेशन के लिए सबसे सस्ते प्लान को चुनें।
तीसरा, बैटरी की वारंटी। अधिकांश ब्रांड 8 से 10 साल या 150,000 km की वारंटी देते हैं। इसका मतलब है कि अगर बैटरी में कोई दिक्कत आए, तो आप फ्री रिप्लेसमेंट या रिवाइडर प्राप्त कर सकते हैं। वारंटी पढ़ना न भूलें, ताकि भविष्य में कोई आश्चर्य ना हो।
चौथा, अंतर्निर्मित तकनीक। टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट, ड्राइवर‑असिस्टेड सिस्टम और ओवर‑एयर अपडेट्स आज कई इवी में स्टैंडर्ड हैं। ये फीचर रोज़मर्रा की ड्राइव को आरामदायक बनाते हैं और सॉफ्टवेयर बग्स को आसानी से ठीक कर सकते हैं।
पांचवा, कुल लागत (Total Cost of Ownership). सिर्फ फोर‑वील्ड प्राइस नहीं, बल्कि चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेवा, बैटरी रिप्लेसमेंट और रिसेल वैल्यू को भी मिलाकर देखें। कई बार इवी का रिसेल वैल्यू पेट्रोल कार से बेहतर रहता है।
अब बात करते हैं कुछ लोकप्रिय मॉडल की। टेस्ला मॉडल Y, महिंद्रा eXUV300, टाटा Nexon EV, और किया सोनीक इलेक्ट्रिक इस सेगमेंट में अच्छे विकल्प हैं। टेस्ला की सूस्पेंडेड डेस्कटॉप सॉफ़्टवेयर अपडेट और हाई रेंज इसे लीडर बनाती है, जबकि महिंद्रा और टाटा भारतीय बाजार की कीमत और सर्विस नेटवर्क को ध्यान में रख कर बनाये गए हैं।
रखरखाव की बात करें तो इवी कम मेंटेनेंस वाले होते हैं। तेल बदलने की जरूरत नहीं होती, ब्रेक पेडल्स कम उपयोग होते हैं क्योंकि रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम होती है। लेकिन बैटरी को बहुत ज्यादा डिप ऑपरेशन या ओवर‑हीटिंग से बचाना ज़रूरी है।
एक आखिरी टिप – टेस्ट ड्राइव जरूर करें। टेक्निकल स्पेसिफ़िकेशन तो देख सकते हैं, पर असली फीलिंग तभी पता चलेगी जब आप गाड़ी को अपने रोज़मर्रा की ड्राइव में लेकर चलें। सीट कम्फर्ट, विज़िबिलिटी और ग्रिप को महसूस करें।
इलेक्ट्रिक एसयूवी का फ्यूचर अभी भी बन रहा है। जैसे-जैसे बैटरी लागत गिरती है और चार्जिंग नेटवर्क फड़फड़ाता है, आपके लिए बेहतर वैरायटी और कम कीमत में विकल्प आेंगे। तो अगर आप पर्यावरण के साथ-साथ पैसों की बचत भी चाहते हैं, तो इलेक्ट्रिक SUV एक समझदार निवेश हो सकता है।