ऑफ़िस या घर से काम करना शुरू से ही थकावट और दर्द का कारण बन सकता है। लेकिन कुछ छोटे‑छोटे बदलावों से आपका दिन आसान हो जाएगा और शरीर भी बेहतर महसूस करेगा। चलिए, ऐसे प्रैक्टिकल आइडिया जानते हैं जो बिना जटिलता के आपके कार्यस्थल को हेल्दी बनाएं।
सबसे पहले उठते ही पानी का एक ग्लास पीना याद रखें। यह शरीर को हाइड्रेट करता है और मस्तिष्क को जगा देता है। काम शुरू होने से पहले 5‑मिनट का स्ट्रेचिंग रूटीन भी बहुत फायदेमंद है—भुजाओं, कंधों और पीठ को खींचें, फिर धीरे‑धीरे घुटनों को उठाएँ। यदि आप बर्नआउट से बचना चाहते हैं, तो हर घंटे के बाद 2‑3 मिनट स्क्रीन से दूर रहें और आँखें बंद कर आराम करें। यह आँखों की थकान और गर्दन के दर्द को कम करता है।
टास्क लिस्ट बनाकर प्राथमिकता तय करें। बड़े प्रोजेक्ट को छोटे‑छोटे हिस्सों में बाँटें, इससे काम का बोझ हल्का लगता है। जब भी तनाव महसूस हो, गहरी सांस लें—नाक से चार सेकंड अंदर, फिर मुँह से चार सेकंड बाहर। यह सॉल्ट्स को कम करता है और दिमाग को रीसेट करता है। साथ ही, सहकर्मियों के साथ छोटा‑छोटा ब्रेक लेना, चाय या कॉफ़ी के साथ छोटी बातचीत करना मन को तरोताज़ा करता है।
खान‑पान के बारे में सोचना न भूलें। दोपहर के खाने में हल्का और प्रोटीन‑रिच विकल्प चुनें—उदाहरण के लिए दाल, चिकन या पनीर के साथ सलाद। तले‑भुने या बहुत मसालेदार खाने से बचें, क्योंकि वे पाचन में परेशानी पैदा कर सकते हैं और ऊर्जा कम कर देते हैं। अगर ऑफिस में स्नैक लेना पसंद है, तो नट्स, फल या दही रखें, इससे भूख मिटेगी और ब्लड शुगर स्थिर रहेगी।
नींद का सेट‑अप भी काम की प्रोडक्टिविटी को सीधे प्रभावित करता है। रात को कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। सोने से पहले स्क्रीन टाइम घटाएँ, हल्की स्ट्रेचिंग या पढ़ाई से दिमाग को आराम दें। अगर आपको बार‑बार नींद आती है, तो डेस्क पर बैठकर थोड़ा खड़े‑होटे रहने की कोशिश करें; इससे रक्त संचार सुधरता है।
व्यायाम को दिन‑भर में छोटे‑छोटे एक्टिविटी में बदलें। लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, मीटिंग के दौरान खड़े रहकर बात करें, या लंच ब्रेक में तेज़ चलें। ये छोटे‑छोटे कदम कैलोरी बर्न करते हैं और दिल को तंदुरुस्त रखते हैं। अगर समय कम है, तो 10‑मिनट की हाई‑इंटेंसिटी एक्सरसाइज़ भी काफी असरदार हो सकती है—जंपिंग जैक्स, स्क्वैट्स, या प्लैंक रखें।
अंत में, अपने शरीर की सुनें। अगर पीठ में दर्द, गर्दन में खिंचाव या आँखों में जलन महसूस हो, तो तुरंत ब्रेक लें और स्ट्रेच करें। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से मिलें, क्योंकि छोटे‑छोटे इंसिडेंट को नजरअंदाज करने से बड़ा प्रॉब्लेम बन सकता है। इन साधारण टिप्स को अपनाकर आप कार्यस्थल में ऊर्जा बनी रख सकते हैं और स्वास्थ्य भी सुधर सकता है।