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मित्रो बहुत कम लोग जानते है की हमारी बहुत सी धार्मिक किताबें,शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेज़ो ने बहुत छेड़खानी करी है ! आपको सुन कर हैरानी होगी भारत मे एक मूल प्रति है मनुसमृति की जो हजारो वर्षो से आई है और एक मनुस्मृति अंग्रेज़ो ने लिखवाई है ! और अंग्रेज़ो ने इसको लिखवाने मे मैक्स मुलर की मदद ली थी मैक्स मुलर एक जर्मन विद्वान था जिसको संस्कृति बहुत अच्छे से आती थी उसको कहा गया की तुम भारत के शास्त्रो को पढ़ो और पढ़ कर हमको बताओ की उनमे क्या है फिर जरूरत पढ़ने पर इसमे फेरबदल करेंगे !

तब मैक्स मुलर ने मनुस्मृति का अनुवाद किया पहले जर्मन मे किया फिर अँग्रेजी मे किया तब अंग्रेज़ो को समझ आया की मनुस्मृति तो भारत की न्यायव्यवस्था की सबसे बड़ी पुस्तक है और भारत की न्याय व्यवस्था का आधार है ! तो उन्होने मनुसमृति मे ऐसे विक्षेप डलवा दिये ताकि भारत वासियो को भ्रमाया जा सके और उनको गलत रास्ते पर चलाया जा सके ! उनको मनुस्मृति के प्रति बहुत ज्यादा नीचाई की भावना पैदा हो इस तरह के विक्षेप डलवा दिये !

ये विक्षेप केवल मनु स्मृति मे नहीं डाले गए बल्कि बहुत सारे अन्य ग्रंथो मे डाले गए और अंग्रेज़ो की बहुत बड़ी टीम थी जो इस कार्य मे लगी हुई थी कोई साधारण अंग्रेज़ो ने ये काम नहीं किया था! विलियम हंटर नाम का अंग्रेज़ हुआ करता था जिसने सबसे ज्यादा भारत के इतिहास मे विकृति डाली सबसे ज्यादा भारत के शास्त्रो के विकृत किया ! जिसने सबसे ज्यादा भारत के पुराने ऋषि ,मुनियो के आत्म वचनो को बिलकुल उल्टा करके बताया !

और ये सब वो कैसे कर पाया ? वो ये कि विलियम हंटर अंग्रेज़ो बहुत अच्छी जानता था और उसके साथ साथ उसको संस्कृत भी आती थी ! क्योंकि भारतीय मूल ग्रंथ संस्कृत मे है तो वो उनको पढ़ लेता था और फिर अंग्रेजी मे कहाँ कहाँ उसको विकृति कर बनाना है वो कर लेता था ! विलियम हंटर की पूरी टीम थी जो इस कार्य मे लगी थी जिसको कहा गया विलियम हंटर कमीशन !

विलियम हंटर कमीशन की रिपोर्ट के बारे मे बात की जाए तो घंटो घंटो उसी मे निकल जाए हजारो पन्नो मे उन्होने ने रिपोर्ट बनाकर उन्होने ने ये बताया है कि हमने भारत के किस किस विष्य मे किस किस शस्त्र मे क्या क्या परिवर्तन कर दिये है ये उसने अँग्रेजी संसद को भेंट किया था और फिर उस पर बहस हुई थी तो अंग्रेज़ो ने अपने देश मे ऐसे बहुत सारे विद्वानो को तैयार करके भारत के शास्त्रो मे विक्षेपन करवाया बहुत कुछ ऐसी बातें भर दी उसमे जो की विश्वास करने लायक नहीं है तर्क पर कहीं ठहरती नहीं है और सूचना के आधार पर बिलकुल गलत हैं !!
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आर्य बाहर से आए उन्होने भारतीय संस्कृति को खत्म कर दिया हमारे पूर्वज गौ मांस खाते थे !ना जाने ऐसी हजारो हजारों बातें और संस्कृत के शब्दो का गलत अर्थ निकाल कर हमारे शास्त्रो मे इन अंग्रेज़ो द्वारा भर दिया गया जो आज भी हमको जानबूझ कर पढ़ाया जा रहा है ताकि हम गुमराह होते रहे हम हिन्दू अपनी अपनी जातियो मे ऊंच -नीच करते ! और हमारे मन हमारी ,संस्कृति ,सभ्यता के प्रति गलत भावना पैदा हो !!

तो मित्रो अंत आपसे निवेदन है को भी भारतीय ग्रंथ ,धार्मिक पुस्तक ,शास्त्र पढ़ें तो ध्यान रहे वो इन अंग्रेज़ो द्वारा छेड़खानी किया हुआ ना हो क्योंकि ज़्यादातर बाजार मे बिक रही किताबें वहीं है जिनमे अंग्रेज़ो ने छेड़खानी करी है !!

पूरी पोस्ट पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!
अग्रेजों ने क्या क्या विक्षेपन किये अधिक जानकारी के लिए यहाँ click करें !!

अमर बलिदानी राजीव दीक्षित जी की जय !!
वन्देमातरम

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अमेरिका और मनमोहन सिंह क्यूँ तुड़वाना चाहते है रामसेतु ????
एक रहस्यमय बात !!
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दोस्तो आपको याद होगा 1998 मे जब भारत ने परमाणु बोम्ब ब्लास्ट किया था तो अमेरिका को हमसे बहुत आग लगी !

और अमेरिका ने भारत को परमाणु बंब बनाने के लिए यूरेनियम देना बंद कर दिया था,

इसके इलवा अमेरिका ने भारत की कंपनियों को अमेरिका मे घुसने पर रोक लगाई !

फिर अचानक अमेरिका के दिल में इतनी दया कैसे आई ???
कि वो आज भारत को यूरेनियम देने के लिए तैयार हो गया !

इसकी शुरुआत तब होती है, जब पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जोर्ज बुश भारत आये थे और एक सिविल न्यूक्लीयर डील पर हस्ताक्षर किये गए जिसके अनुसार अमरीका भारत को युरेनियम-235 देने की बात कही l उस समय पूरी मीडिया ने मनमोहन सिंह की तारीफों के पुल बांधे और इस डील को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया, पर पीछे की कहानी छुपा ली गयी l

असल बात कुछ और है और वो बात बहुत गहरी है | भारत के वैज्ञानिक पिछले कई वर्षो से ये खोजने में लगे हुए है के यूरेनियम के अतिरिक्त और कोन सा हमारे पास रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे हम बोम्ब बना सके या बिजली भी बना सके |

Atomic Energy Commission के 6000 वैज्ञानिक पिछले 40 सालो से इसी काम में लगे हुए है | उनको पता चला के भारत के तमिलनाडु , केरल का जो समुद्री एरिया है उहाँ पर बहुत बड़ी मात्रा में ऐसा रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे अगले 150 साल तक बिजली बनायीं जा सकती है और दुसरे देशो से भीख मांगने की भी जरुरत नही होगी |

डॉ कालाम का कहना था के 3 लाख Mega-watt बिजली हर घंटे अगले 240 साल तक बना सकते है | और ये बात अब्दुल कलाम जी ने रीटायर होने के बाद अपने पहले interview मे कही थी !

अब अमेरिका की नज़र हमारे उस इंधन पे है और वो चाहता है भारत उस इंधन को अमेरिका को दे और बदले में अमेरिका थोडा बहुत यूरेनियम हमको दे |

इस खेल को पूरा करने के लिए अमेरिका श्री राम सेतु को तोड़ना चाहता है ! और इस काम को पूरा करने के लिए अमेरिकी एजेंट मनमोहन सिंह जो पिछले 20 साल से भारत सरकार मे बैठा है !!

सुप्रीम कोर्ट मे भी case चल रहा है ! अभी date पर date पर रही है ! वहाँ केंद्र सरकार कॉंग्रेस और मनमोहन सिंह तर्क देते है !! कि ये सेतु श्री राम नहीं बनाया ! श्री राम तो एक कल्पना है ! श्री राम तो कभी हुए ही नहीं !!

जबकि कुछ साल अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसी NASA ने ही रामसेतु की पुष्टि अपनी रिपोर्ट में की है l ! आज भी आपको वहाँ ऐसे पत्थर मिल जाएँगे ! जिस पर राम लिखा है और वो पानी मे तैरते है !!

सिखो के धार्मिक ग्रंथ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब )मे 55000 से ज्यादा बार श्री राम का नाम आता है ! और ये अमरेकी agent मनमोहन सिंह ऐसे गंदी हरकत कर अपने धर्म पर भी कलंक है !!

दोस्तो क्या आप जानते है श्री राजीव दीक्षित जी ने 1997 मे ही इस मनमोहन singh को अमरीका का agent घोषित कर दिया था ! और ऐसा कहा था ! 101% ये मनमोहन सिंह america का agent है जो भारत सरकार मे बैठा है !!

आप यहाँ click कर सिर्फ पहले 40 min ध्यान से सुने और समझे राजीव दीक्षित जी का 1997 का lecture !!!

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और अगर आपको ऊपर लिखी (श्री राम सेतु) को तोड़ने की बाते कोई मज़ाक लग रही है !!

तो एक बार यहाँ जरूर जरूर click करे !

दोस्तो जरूर share करे !

अमर शहीद Rajiv Dixit जी की जय !

500 टन सोना

आज से 21 वर्ष पहले मनमोहन सिंह ने कहा था कि उदारीकरण और वैश्वीकरण के परिणाम 20साल में देखने को मिलेंगे!

परिणाम आज सामने है 1991 में 67 टन सोना गिरवी रखा गया था और आज 2013 में 500टन (5 लाख किलो ) सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई है! वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने 500 टन सोना गिरवी रखने का सुझाव दिया है !

देश को इतना कंगाल कर दिया है कि कांग्रेस सरकार 500 टन
सोना गिरवी रखेगी !ये 500 टन सोना कितने का है ?आइये देखें !

अगर 10 ग्राम सोना ——————— 30000 (30 हजार ) रुपए का

तो 100 ग्राम सोना होगा —————— 300000 (3 लाख ) रूपये का

तो 1 किलो होगा —————————3000000 (30 लाख) रूपये का

तो 10 किलो होगा —————————30000000 (3 करोड़ ) रूपये का

तो 100 किलो होगा ————————300000000 (30 करोड़ ) रूपये का

तो 1000 किलो (1टन) होगा ————–3000000000 (300 करोड़ ) रूपये का

तो 10000 किलो (10 टन) होगा ———–30000000000 (3000 करोड़ ) रूपये का

तो 100000 किलो(100 टन)——————300000000000 (30000 हजार करोड़ ) रूपये का

तो 500000 किलो (500 टन)—————–1500000000000(1 लाख 50 हजार करोड़ ) रूपये का

500 टन सोने की कीमत 1 लाख 50 हजार करोड़ है !
और मंदमोहन सिंह का एक कोयला घोटाला 1 लाख 80 हजार करोड़ का है बाकी घोटाले अलग है !

हो रहा है भारत नीलाम !
और कितना नीलाम कर दिया भारत ! एक बार click कर देखें !!!
must click !

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वन्देमातरम !!

hindu holy books !

मित्रो बहुत कम लोग जानते है की हमारी बहुत सी धार्मिक किताबें,शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेज़ो ने बहुत छेड़खानी करी है ! आपको सुन कर हैरानी होगी भारत मे एक मूल प्रति है मनुसमृति की जो हजारो वर्षो से आई है और एक मनुस्मृति अंग्रेज़ो ने लिखवाई है ! और अंग्रेज़ो ने इसको लिखवाने मे मैक्स मुलर की मदद ली थी मैक्स मुलर एक जर्मन विद्वान था जिसको संस्कृति बहुत अच्छे से आती थी उसको कहा गया की तुम भारत के शास्त्रो को पढ़ो और पढ़ कर हमको बताओ की उनमे क्या है फिर जरूरत पढ़ने पर इसमे फेरबदल करेंगे !

तब मैक्स मुलर ने मनुस्मृति का अनुवाद किया पहले जर्मन मे किया फिर अँग्रेजी मे किया तब अंग्रेज़ो को समझ आया की मनुस्मृति तो भारत की न्यायव्यवस्था की सबसे बड़ी पुस्तक है और भारत की न्याय व्यवस्था का आधार है ! तो उन्होने मनुसमृति मे ऐसे विक्षेप डलवा दिये ताकि भारत वासियो को भ्रमाया जा सके और उनको गलत रास्ते पर चलाया जा सके ! उनको मनुस्मृति के प्रति बहुत ज्यादा नीचाई की भावना पैदा हो इस तरह के विक्षेप डलवा दिये !

ये विक्षेप केवल मनु स्मृति मे नहीं डाले गए बल्कि बहुत सारे अन्य ग्रंथो मे डाले गए और अंग्रेज़ो की बहुत बड़ी टीम थी जो इस कार्य मे लगी हुई थी कोई साधारण अंग्रेज़ो ने ये काम नहीं किया था! विलियम हंटर नाम का अंग्रेज़ हुआ करता था जिसने सबसे ज्यादा भारत के इतिहास मे विकृति डाली सबसे ज्यादा भारत के शास्त्रो के विकृत किया ! जिसने सबसे ज्यादा भारत के पुराने ऋषि ,मुनियो के आत्म वचनो को बिलकुल उल्टा करके बताया !

और ये सब वो कैसे कर पाया ? वो ये कि विलियम हंटर अंग्रेज़ो बहुत अच्छी जानता था और उसके साथ साथ उसको संस्कृत भी आती थी ! क्योंकि भारतीय मूल ग्रंथ संस्कृत मे है तो वो उनको पढ़ लेता था और फिर अंग्रेजी मे कहाँ कहाँ उसको विकृति कर बनाना है वो कर लेता था ! विलियम हंटर की पूरी टीम थी जो इस कार्य मे लगी थी जिसको कहा गया विलियम हंटर कमीशन !

विलियम हंटर कमीशन की रिपोर्ट के बारे मे बात की जाए तो घंटो घंटो उसी मे निकल जाए हजारो पन्नो मे उन्होने ने रिपोर्ट बनाकर उन्होने ने ये बताया है कि हमने भारत के किस किस विष्य मे किस किस शस्त्र मे क्या क्या परिवर्तन कर दिये है ये उसने अँग्रेजी संसद को भेंट किया था और फिर उस पर बहस हुई थी तो अंग्रेज़ो ने अपने देश मे ऐसे बहुत सारे विद्वानो को तैयार करके भारत के शास्त्रो मे विक्षेपन करवाया बहुत कुछ ऐसी बातें भर दी उसमे जो की विश्वास करने लायक नहीं है तर्क पर कहीं ठहरती नहीं है और सूचना के आधार पर बिलकुल गलत हैं !!
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आर्य बाहर से आए उन्होने भारतीय संस्कृति को खत्म कर दिया हमारे पूर्वज गौ मांस खाते थे !ना जाने ऐसी हजारो हजारों बातें और संस्कृत के शब्दो का गलत अर्थ निकाल कर हमारे शास्त्रो मे इन अंग्रेज़ो द्वारा भर दिया गया जो आज भी हमको जानबूझ कर पढ़ाया जा रहा है ताकि हम गुमराह होते रहे हम हिन्दू अपनी अपनी जातियो मे ऊंच -नीच करते ! और हमारे मन हमारी ,संस्कृति ,सभ्यता के प्रति गलत भावना पैदा हो !!

तो मित्रो अंत आपसे निवेदन है को भी भारतीय ग्रंथ ,धार्मिक पुस्तक ,शास्त्र पढ़ें तो ध्यान रहे वो इन अंग्रेज़ो द्वारा छेड़खानी किया हुआ ना हो क्योंकि ज़्यादातर बाजार मे बिक रही किताबें वहीं है जिनमे अंग्रेज़ो ने छेड़खानी करी है !!

पूरी पोस्ट पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!
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अमर बलिदानी राजीव दीक्षित जी की जय !!
वन्देमातरम

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शरद पवार का सच !
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दोस्तो हमारे भारत मे ऐसे कई नेता हैं जो गाय का मांस बेच कर अपना धंधा चला रहे हैं ! और भारत मे जो 3600 क्त्लखाने (registered) चल रहे हैं उनमे से 50 से 60 % इन्ही राजनेताओ के हैं ! जिनकी पूंजी से ये काम चल रहा है !

और जब भी संसद मे गौ ह्त्या को रोकने का विषय आता तो ये चिला -चिला कर खड़े हो जाते है कहते हैं गौ ह्त्या रुकनी नहीं चाहिए ! और उसके विचित्र विचित्र कुतर्क करते हैं ! उनमे से एक नेता शरद पवार जो कृषि मंत्री है उसने एक दिन कुतर्क किया कि गाय की ह्त्या अगर हमने रोक दी तो गाय की संख्या इतनी बढ़ जाएगी उसे हमे रखेंगे कहाँ ????????

ये बयान शरद पवार ने दिया !और मुंबई मे दिया ! और प्रेस कान्फ्रेंस मे दिया ! सौभाग्य की बात थी श्री राजीव दीक्षित जी उस दिन मुंबई मे थे और उस press कान्फ्रेंस मे थे ! अगले दिन राजीव भाई वो बयान की copy लेकर चले गए शरद पवार से मिलने !!

राजीव भाई ने पवार से कहा कि आपने बयान दिया है कि अगर गाय को हमने बचा लिया तो इनकी संख्या इतनी बढ़ जाएगी इन्हे रखेंगे कहाँ ?

श्री राजीव भाई ने कहा आप क्यूँ परेशान है ? आपके घर मे रखने नहीं आ रहे हम ! इतना तो पक्का है
और अगर आपकी बुद्धि इतना की काम करती है कि गाय को बचाने से उसकी संख्या बढ़ जाएगी तो ये तर्क मनुष्य पर भी लागू होना चाहिए ! सीधे सीधे से लागू होता है कि मनुष्यो को क्यूँ बचाया जाये ??? इनकी संख्या बढ़ जाएगी ! तो इसका मतलब मनुष्य की संख्या कम करने के लिए कत्ल करवाईये इनका !!
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फिर पवार ने कहा चारा कहाँ से लाएँगे ????

तो राजीव भाई ने कहा भगवान ने इस देश मे व्यवस्था ऐसी की है आप क्यूँ परेशान हैं उसके लिए ???
भगवान की वयवस्था मे आप क्यूँ दखलअंदाजी कर रहे हैं ???

भगवान मे इस देश मे जितनी भी फसल दी है जितनी भी फसलों के बीज दिये हैं ! 1400 किसम की फसले भारत मे होती हैं (गेहूं ,चावल ,जवारी ,उरद ,मूंग आदि आदि ! हरेक फसल के तीन हिस्से है !हरेक पोधे के तीन हिस्से है ऊपर का एक हिस्सा है वो मनुष्यो के लिए है पक्षियो के लिए है !
बीच का एक हिस्सा है वो पशुओ के लिए हैं ! और अंत का जो जड़ वाला हिस्सा है वो धरती माता के लिए है !

प्रकर्ति की बनाई हुई व्यवस्था है इसमे आप क्यूँ परेशान है ????
हिंदुस्तान मे 77 कोटी किसान खेती करते हैं और इनमे से लगभग 60 कोटी किसान ज्वारी पैदा करते हैं ! ज्वारी का बहुत थोड़ा सा हिस्सा मनुष्य के काम आता है ! ज्वारी का पूरा पेड़ आप गिने तो मुश्किल से उसका 10 % हिस्सा मनुष्य के काम आता है ! और बाकी नीचे का 80 से 90 % हिस्सा वो गाय के काम है बैल के काम का है ! भैंस के काम है पशु के काम का है !

तो चारे की कमी कहाँ से आई ????????????

गेहूं की फसल को देख लो ! गेहूं की फसल का 10 % हिस्सा मनुष्य के काम का है बाकी 70 से 85 % गाय के काम है अन्य पशुओ के काम है !
तो चारे की समस्या कहाँ से आई ??????????

गेहूं पैदा हो रहा है ज्वारी पैदा हो रही है ! चावल की फसल का बहुत छोटा सा हिस्सा मनुष्य के काम का है बाकी पशुओ के काम का है
तो चारे की कहाँ कमी है इस देश मे ???
आप क्यू परेशान हैं ????
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फिर पवार का तीसरा कुतर्क !
गाय बूढ़ी हो जाती है तो क्यूँ पालणा ?????

तो राजीव भाई ने कहा हमारी माता भी बूढ़ी हो जाती है उसको क्यूँ पालणा ?????

पवार ने कहा ! माता अलग है गाय अलग है !

राजीव भाई ने कहा मेरे लिए माता और गाय दोनों एक जैसी है ! क्यूंकि बचपन से हमने यही सुना है गाय हमारी माता है ! देश धर्म का नाता है !! तो मेरे लिए माता और गाय दोनों एक सी है !

तो गाय बूढ़ी हो गई इसलिए कत्ल होनी चाहिए तो माता भी बूढ़ी हो गई इस लिए कत्ल होनी चाहिए !
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फिर पवार का आखिरी कुतर्क !!
कि दूध नही देती है तो फोकट मे क्यूँ खिलाने का उसको ???????

तो राजीव भाई ने कहा दूध तो थोड़े दिन के बाद हमारी माता भी नहीं देती है ! हमारी माता तो हमे ज्यादा से ज्यादा 1 साल दूध पिलाती है और ये गौ माता तो जीवन पर्यंत हमको दूध पिलाती है ! इसका स्थान माता से भी ऊंचा है !
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फिर पवार का पूरा दिमाग घूम गया और बोला आपसे बात करना बेकार है !
तो राजीव भाई ने कहा मुझे भी आपसे बात करना बेकार है !
जिस आदमी को इतना नहीं समझता कि गाय को भारत मे घास चारे की कमी नहीं है और बूढ़ी होने पर काट देनी चाहिए ये तो बहुत खतरनाक मानसिकता है ! इससे अच्छे तो अंग्रेज़ थे जो खुलकर कहते थे कि हम तो गाय को काटते है अपने भोजन के लिए !!

लेकिन ये काले अंग्रेज़ तो उनसे भी ज्यादा खतरनाक है जो भारतीयता का लबादा ओढ़े हुये हैं और दिमाग मे पूरी अंग्रेज़ियत भारी हुई है !!

और अंत राजीव भाई के कहते है कि ये जो कुतर्क है ये शरद पवार का नाम मैंने इसलिए ले लिया क्यूकि वह के प्रतीक व्यक्ति है वरना ये कुतर्क हिंदुस्तान के बहुत सारे पढे लिखे व्यक्तियों के कुतर्क बन चुके हैं !खासकर ऐसे पढे लिखे लोग जिनको कुछ अंग्रेज़ियत की शिक्षा मिली है जो कान्वेंट आदि मे पढे है इंजीनियर डाक्टर आदि बन चुके है उनके भी ये कुतर्क बन चुके हैं ! शरद पवार तो प्रतीक मात्र है वहाँ कोई और भी हो सकता है जो इसी तरह की बात करे !

मित्रो आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहत धान्यावाद !

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जय गौमता ! वन्देमातरम !

अमर शहीद Rajiv Dixit जी की जय !!

shampoooo

अभी कुछ मूर्ख लोग कहेंगे ! मैं तोclinic All clear लगाता हूँ या लगाता हूँ या dove लगाता हूँ ! या clinic plus लगाता हूँ !! अरे ! मूर्खो ये सब शैंपू भी एक ही विदेशी कंपनी बनाती है !उसका नाम है Hindustan unilever ! नाम मे hindustan लिखा है ! पूरे हिंदुस्तान का लीवर खराब कर दिया है इसमे !! ये कंपनी 1933 ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह भारत को लूटने आई थी !!और आजतक भारत को लूट रही है !! ये
विदेशी कंपनी केवल 15 लाख रुपए लेकर आई थी !! आज 19 हजार 700 करोड़ का माल बेचती हैं 240 करोड़ लूट हर साल अपने देश ले जा रही है !

head and shoulder,pantene ये भी P & G विदेशी कंपनी के हैं

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70 देश !

जरूर पढ़ें मित्रो ! अधिक से अधिक share करें !

1) English अंतराष्ट्रीय भाषा है ??
2) English विज्ञान और तकनीकी की भाषा है ??
3) English जाने बिना देश का विकास नहीं हो सकता ??
4) English बहुत समृद्ध भाषा है !

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मित्रो पहले आप एक खास बात जाने ! कुल 70 देश है पूरी दुनिया मे जो भारत से पहले और भारत से बाद आजाद हुए हैं भारत को छोड़ कर उन सब मे एक बार सामान्य हैं कि आजाद होते ही उन्होने अपनी
मातृ भाषा को अपनी राष्ट्रीय भाषा घोषित कर दिया ! लेकिन शर्म की बात है भारत आजादी के 65 साल बाद भी नहीं कर पाया आज भी भारत मे सरकारी सतर की भाषा अँग्रेजी है !

अँग्रेजी के पक्ष में तर्क और उसकी सच्चाई :

1). अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है:: दुनिया में इस समय 204देश हैं और मात्र 12 देशों में अँग्रेजी बोली, पढ़ी और समझी जाती है। संयुक्त राष्ट संघ जो अमेरिका में है वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है, वहां का सारा काम फ्रेंच में होता है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी। अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी, समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी। पूरी दुनिया में जनसंख्या के हिसाब से सिर्फ 3% लोग अँग्रेजी बोलते हैं। इस हिसाब से तो अंतर्राष्ट्रीय भाषा चाइनिज हो सकती है क्यूंकी ये दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती है और दूसरे नंबर पर हिन्दी हो सकती है।

2. अँग्रेजी बहुत समृद्ध भाषा है:: किसी भी भाषा की समृद्धि इस बात से तय होती है की उसमें कितने शब्द हैं और अँग्रेजी में सिर्फ 12,000 मूल शब्द हैं बाकी अँग्रेजी के सारे शब्द चोरी के हैं या तो लैटिन के, या तो फ्रेंचके, या तो ग्रीक के, या तो दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों की भाषाओं के हैं। आपने भी काफी बार किसी अँग्रेजी शब्द के बारे मे पढ़ा होगा ! ये शब्द यूनानी भाषा से लिया गया है ! ऐसी ही बाकी शब्द है !

उदाहरण: अँग्रेजी में चाचा, मामा, फूफा, ताऊ सब UNCLE चाची, ताई, मामी, बुआ सब AUNTY क्यूंकी अँग्रेजी भाषा में शब्द ही नहीं है। जबकि गुजराती में अकेले 40,000 मूल शब्द हैं। मराठी में 48000+ मूल शब्द हैं जबकि हिन्दी में 70000+ मूल शब्द हैं। कैसे माना जाए अँग्रेजी बहुत समृद्ध भाषा है ?? अँग्रेजी सबसे लाचार/पंगु/ रद्दी भाषा है क्योंकि इस भाषा के नियम कभी एक से नहीं होते। दुनिया में सबसे अच्छी भाषा वो मानी जाती है जिसके नियम हमेशा एक जैसे हों, जैसे: संस्कृत। अँग्रेजी में आज से 200 साल पहले This की स्पेलिंग Tis होती थी।

अँग्रेजी में 250 साल पहले Nice मतलब बेवकूफ होता था और आज Nice मतलब अच्छा होता है। अँग्रेजी भाषा में Pronunciation कभी एक सा नहीं होता। Today को ऑस्ट्रेलिया में Todie बोला जाता है जबकि ब्रिटेन में Today. अमेरिका और ब्रिटेन में इसी बात का झगड़ा है क्योंकि अमेरीकन अँग्रेजी में Zका ज्यादा प्रयोग करते हैं और ब्रिटिश अँग्रेजी में S का, क्यूंकी कोई नियम ही नहीं है और इसीलिए दोनों ने अपनी अपनी अलग अलग अँग्रेजी मान ली।

3. अँग्रेजी नहीं होगी तो विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई नहीं हो सकती:: दुनिया में 2 देश इसका उदाहरण हैं की बिना अँग्रेजी के भी विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई होटी है- जापान और फ़्रांस । पूरे जापान में इंजीन्यरिंग, मेडिकल के जीतने भी कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं सबमें पढ़ाई”JAPANESE” में होती है, इसी तरह फ़्रांस में बचपन से लेकर उच्चशिक्षा तक सब फ्रेंच में पढ़ाया जाता है।
हमसे छोटे छोटे, हमारे शहरों जितने देशों में हर साल नोबल विजेता पैदा होते हैं लेकिन इतने बड़े भारत में नहीं क्यूंकी हम विदेशी भाषा में काम करते हैं और विदेशी भाषा में कोई भी मौलिक काम नहीं किया जा सकता सिर्फ रटा जा सकता है। ये अँग्रेजी का ही परिणाम है की हमारे देश में नोबल पुरस्कार विजेता पैदा नहीं होते हैं क्यूंकी नोबल पुरस्कार के लिए मौलिक काम करना पड़ता है और कोई भी मौलिक काम कभी भी विदेशी भाषा में नहीं किया जा सकता है। नोबल पुरस्कार के लिए P.hd, B.Tech, M.Tech की जरूरत नहीं होती है। उदाहरण: न्यूटन कक्षा 9 में फ़ेल हो गया था, आइंस्टीन कक्षा 10 के आगे पढे ही नही और E=hv बताने वाला मैक्स प्लांक कभी स्कूल गया ही नहीं। ऐसी ही शेक्सपियर, तुलसीदास, महर्षि वेदव्यास आदि के पास कोई डिग्री नहीं थी, इन्होने सिर्फ अपनी मात्र भाषा में काम किया।
जब हम हमारे बच्चों को अँग्रेजी माध्यम से हटकर अपनी मात्र भाषा में पढ़ाना शुरू करेंगे तो इस अंग्रेज़ियत से हमारा रिश्ता टूटेगा।

क्या आप जानते हैं जापान ने इतनी जल्दी इतनी तरक्की कैसे कर ली ? क्यूंकी जापान के लोगों में अपनी मात्र भाषा से जितना प्यार है उतना ही अपने देश से प्यार है। जापान के बच्चों में बचपन से कूट- कूट कर राष्ट्रीयता की भावना भरी जाती है।

* जो लोग अपनी मात्र भाषा से प्यार नहीं करते वो अपने देश से प्यार नहीं करते सिर्फ झूठा दिखावा करते हैं। *

दुनिया भर के वैज्ञानिकों का मानना है की दुनिया में कम्प्युटर के लिए सबसे अच्छी भाषा ‘संस्कृत’ है। सबसे ज्यादा संस्कृत पर शोध इस समय जर्मनी और अमेरिका चल रही है। नासा ने ‘मिशन संस्कृत’ शुरू किया है और अमेरिका में बच्चों के पाठ्यक्रम में संस्कृत को शामिल किया गया है। सोचिए अगर अँग्रेजी अच्छी भाषा होती तो ये अँग्रेजी को क्यूँ छोड़ते और हम अंग्रेज़ियत की गुलामी में घुसे हुए है। कोई भी बड़े से बड़ा तीस मार खाँ अँग्रेजी बोलते समय सबसे पहले उसको अपनी मात्र भाषा में सोचता है और फिर उसको दिमाग में Translate करता है फिर दोगुनी मेहनत करके अँग्रेजी बोलता है। हर व्यक्ति अपने जीवन के अत्यंत निजी क्षणों में मात्र भाषा ही बोलता है। जैसे: जब कोई बहुत गुस्सा होता है तो गाली हमेशा मात्र भाषा में ही देता हैं।

॥ मात्रभाषा पर गर्व करो…..अँग्रेज ी की गुलामी छोड़ो॥

अभी जो आपने ऊपर पढ़ा ये राजीव दीक्षित जी के (अँग्रेजी भाषा की गुलामी ) वाले व्यख्यान का सिर्फ 10 % लिखा है !

पूरा lecture सुने यहाँ click करे !

वन्देमातरम ! अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !

vicks

सावधान !
VICKS नाम की दवा का पूरा सच जरूर पढ़ें !

मित्रो भारत मे एक विदेशी कंपनी हैं procter and gamble ( P&G ) ! जो भारत मे vicks vaporub नाम की एक दवा बेचती है ! क्या आप जानते हैं VICKS नाम की दावा अमेरिका में बनाना और बेचना दोनों जुर्म है, WHO (world health organisation ) ने खुद इसे जहर घोषित किया है !

आप google पर भी “vicks vaporub banned ” लिख कर search कर सकते हैं ! अमेरिका मे अगर किसी डॉक्टर ने किसी को VICKS vaporub की prescription लिख दे तो उस डॉक्टर को 14 साल की जेल हो जाती है, उसकी डिग्री छीन ली जाती है |

क्यूंकि की vicks vaporub जहर है, ये आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा कर सकता है | इसीलिए दुनिया भर में WHO और वैज्ञानिको ने इसे जहर घोषित किया | और ये जहर भारत में सबसे ज्यादा बिकता है विज्ञापनो की मदद से |

लेकिन क्या आप जानते हैं ?? भारत मे एक कानून है ? उस कानून के अनुसार किसी भी दवा का विज्ञापन टीवी,अखबार, या किसी भी मैगजीन पे नही दिया जा सकता ! लेकिन इसके बावजूद भी पैसे के ताकत से, घूसख़ोरी से ये सब होता है ! और द्वाईयों के विज्ञापन लगातार टीवी, अखबारों आदि मे दिखाये जाते हैं !

और ये vicks vaporub नाम की दवा कितनी महंगी आपको बेची जाती है !

25 ग्राम 40 रूपये की है
तो 50 ग्राम 80 रूपये की
तो 100 ग्राम 160 रूपये की

मतलब 1 किलो vicks की 1600 रूपये हुई ! 1600 रूपये किलो का जहर खरीद आप खुद लगा रहे हैं और अपने बच्चों को लगा रहे हैं ! जिससे आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा TB हो सकता है !!

सर्दी खांसी की आयुर्वेद मे बहुत अच्छी दवा है उसका नाम है ! दालचीनी (ध्यान रहे ये दालचीनी आम घरो मे होने वाली आम दाल और चीनी नहीं है ) ज्यादा न पता हो तो google पर “दालचीनी” लिख photo देख लें ! इस दालचीनी को पीस ले और एक चम्मच शहद के ऊपर कुछ चुटकी डाले और सीधा निगल जाएँ बहुत ही ज्यादा लाभकारी हैं ! अगर किसी को गले मे ज्यादा दर्द हो या tonsils की समस्या हो ! तो आप एक चुटकी शुद्ध हल्दी बिलकुल गले मे घंटी की पास रखे ! मात्र 3 दिन करने से आपको बहुत अधिक लाभ होगा !!

इस vicks नाम के जहर को घर से बाहर फेंके और RTI माध्यम से सरकार से सवाल करे की अगर ये अगर अमेरिका मे ban है तो भारत मे क्यूँ बिक रही है !! एक भाई ने 28 जनवरी 2013 को RTI की website पर सवाल भी पूछा था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया !!
vicks पेट्रोलियम जेल्ली से बनता है जिसकी कीमत 60 -70 रुपिया किलो है और विक्स की बिक्री में procter and gamble कंपनी को 20000 % से जादा का मुनाफा है | ये मुनाफा आप की जेब से लूटा जा रहा है और सरकार इस घोटाले में शामिल है | सरकार ने लाइसेन्स दे रखी है, आँखे बंद कर रखी है और कंपनी देश को लूटा जा रहा है |

आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!

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अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !

वन्देमातरम !!

fair and lovely

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दोस्तो अगर fair & lovely से गोरापन आता तो ये अफ्रीका वाले क्यूँ काले है ???
एक बात हमेशा याद रखे !दुनिया मे fair & lovely लागने से कोई आदमी गोरा हुआ नहीं और आगे होने की कोई संभावना नहीं !

क्यूंकि गोरा और काला होने का सिद्धांत ही अलग है !हमारे रक्त (blood) मे एक कैमिकल होता है उसका नाम है Melanin ! जब melanin की मात्रा बढ़ जाती है तो शरीर काला पड़ जाता है और जब melanin की मात्रा कम हो जाती है तो शरीर गोरा हो जाता है ! और जब melanin की मात्रा न बढ़ती है न कम होती है तो शरीर सांवला हो जाता है ! हम सब हिन्दुस्तानी साँवले है क्यूंकि melanin की मात्रा न ज्यादा है न कम ! और आदर्श(prefect) स्थिति यही होती है !!

हमारे देश मे एक राष्ट्रपति थे डा राधा कृष्णन ! वो एक बार लंदन गए वहाँ अंग्रेज़ पत्रकारो ने उन्हे चिढ़ाने के लिए एक सवाल पूछा !

आप हिन्दुस्तानी काले क्यूँ होते है ??

तो डाक्टर राधा कृष्णन ने इतना सुंदर जवाब दिया वो आप सबको देना !
उन्होने कहा हम हिन्दुस्तानी काले नहीं होते कुछ और होते है !
अंग्रेज़ ने पूछा तो क्या होते है ???

डाक्टर राधा कृष्णन ने एक कहानी सुनाई !
उन्होने ने कहा भगवान जी ने रोटी बनाई और वो कच्ची रह गई वो सब खाकर तुम सब अंग्रेज़ पैदा हुए !

भगवान जी ने फिर एक रोटी बनाई वो जल गई उसको खाकर ये अफ्रीकी पैदा हुए !

और फिर भगवान जी ने तीसरी रोटी बनाई वो न जाली न कच्ची रही बराबर सिकी !
उसे कहकर हम हिन्दुस्तानी पैदा हुए !
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तो हम काले नहीं साँवले है और आज विज्ञान ने स्वीकार किया है कि साँवले रंग वालों को त्वचा का कैंसर होने की संभावना सबसे कम होती है !कारण क्या है खून मे melanin की मात्रा सबसे perfect हमारी ही है !!इसलिए अपने साँवले होने पर गर्व करो इसे हीन भावना से मत देखो !

और बार – बार ध्यान करो !
कि भगवान शंकर जी साँवले ! भगवान राम साँवले ! भगवान कृष्ण साँवले !
तो हम गोरे होकर करेंगे क्या ??????? हम तो साँवले ही अच्छे !

और जब ये बात मन मे बैठ जाये कि हम तो साँवले ही अच्छे है तो फिर ये fair & lovely की जरूरत क्या ?? ये तो गोरा बनाने वाली क्रीम है

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और दोस्तो जब ये विज्ञापन बार – बार tv पर आता है न ! कि fair & lovely लगाओ आप दो दिन मे गोरे हो जाओगे 3 दिन मे हो जाओगे 1 महीने मे गोरे हो जाओगे ! तो इसको देख भारत की करोड़ो काली माँ ,बहन , बेटियो की छाती पर आड़ी चलती है ! आप इसको महसूस करो !

आप तो जानते हैं हमारा हिंदुस्तान तो 121 करोड़ की आबादी का है और उसमे 50 करोड़ तो माताए बहने हैं और उनमे से 40 से 45 करोड़ मताए ,बहने या तो काली है या साँवली है ! उनके दिलो पर कटार चलती है जब वो ये विज्ञापन देखती है ! हाय रे हाय गोरेपन की क्रीम fair lovely

और फिर उन माताओ बहनो को लगता है कि गोरे होने से ही जिंदगी सवर्ती है और आपको जानकार हैरानी होगी कई बहने ने सिर्फ इस बात के कारण आत्म ह्त्या कि काले रंग के कारण उनकी शादी नहीं हो पा रही थी !
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fair & lovely (विदेशी कंपनी क ज़हर) के खिलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट में केस ।
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राजीव दीक्षित जी का दोस्त जो होस्टल में उनके साथ पड़्ता था । 12 साल से fair and lovely लगा रहा था । फ़िर भी चिक्कट काला । और बोला होस्टल में आने से पहले भी 8 साल से लगा रहा है ।

राजीव भाई ने कहा कभी तो तु सुधरेगा । तो उसने कहा कल से fair and lovely बंद ।

राजीव भाई ने पूछा तेरे पास fair and lovely ख़रीदने का बिल है । उनसे
कुछ बिल निकाल कर दिये । जिसके आधार पर उन्होने मद्रास हाईकोर्ट में केस दर्ज कर दिया । पहले तो जज ने कहा मेरे घर में भी यही समस्या है :p ! लेकिन उसने बहुत सुंदर जजमेंट दिया !
कंपनी के अधिकारियो को वहां जाना पड़ा । जज ने पूछा । कि आपने इसमे क्या मिलाया है ।
जो काले को गोरा बना देती है । उन्होने बोला जी कुछ नहीं मिलाया । तो जज ने पुछा ये बनती कैसे है । तो उन्होने कहा( सूअर की चर्बी के तेल से )।

देश के पढ़े लिखे गवार विज्ञापन देख आपने मुँह पर सुअर की चर्बी का तेल थोप रहे है । और अपने आप को बहुत होशियार समझ रहे है !!
और यह कितनी महंगी है !!

25 ग्राम 40 रुपए की
मतलब 50 ग्राम 80 रूपये की
और 100 ग्राम 160 रूपये की !
मतलब 1600 रूपये की 1 किलो !!

देश के पढे लिखे ग्वार लोग 1600 रूपये किलो का सूअर की चर्बी का तेल मुह पर थोप रहे हैं लेकिन 400 -500 रूपये किलो बादाम या काजू नहीं खा रहे !!!!

मित्रो सुंदरता fair and lovely मे नहीं है सुंदरता करीम पाउडर या लिपस्टिक में नहीं है !!
सुंदरता गुण कर्म और सुभाव में होती है !!

आपके गुण अच्छे है कर्म अच्छे है सुभाव अच्छा है तो आप बहुत सुंदर है !!
_______!!

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वन्देमातरम !
अमर शहीद Rajiv Dixit जी की जय !

stone in किंडनी

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सबसे पहले कुछ परहेज !

मित्रो जिसको भी शरीर मे पथरी है वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं )
क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे कैलशियम है लेकिन वो शरीर मे पच नहीं रहा है वो अलग बात हे| इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए|

आयुर्वेदिक इलाज !
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पखानबेद नाम का एक पौधा होता है ! उसे पथरचट भी कुछ लोग बोलते है ! उसके 10 पत्तों को 1 से डेड गिलास पानी मे उबाल कर काढ़ा बना ले ! मात्र 7 से 15 दिन मे पूरी पथरी खत्म !! और कई बार तो इससे भी जल्दी खत्म हो जाती !!! आप दिन मे 3 बार पत्ते 3 पत्ते सीधे भी खा सकते हैं !

होमियोपेथी इलाज !
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अब होमियोपेथी मे एक दवा है ! वो आपको किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर मिलेगी उसका नाम हे BERBERIS VULGARIS ये दवा के आगे लिखना है MOTHER TINCHER ! ये उसकी पोटेंसी हे|
वो दुकान वाला समझ जायेगा| यह दवा होमियोपेथी की दुकान से ले आइये| (स्वदेशी कंपनी SBL की बढ़िया असर करती है )

(ये BERBERIS VULGARIS दवा भी पथरचट नाम के पोधे से बनी है बस फर्क इतना है ये dilutions form मे हैं पथरचट पोधे का botanical name BERBERIS VULGARIS ही है )

अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुण गुने पानी मे मिलाकर दिन मे चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात) लेना है | चार बार अधिक से अधिक और कमसे कम तीन बार|इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना है कभी कभी दो महीने भी लग जाते है |

इससे जीतने भी stone है ,कही भी हो गोलब्लेडर gall bladder )मे हो या फिर किडनी मे हो,या युनिद्रा के आसपास हो,या फिर मुत्रपिंड मे हो| वो सभी स्टोन को पिगलाकर ये निकाल देता हे|

99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल देता हे कभी कभी हो सकता हे तीन महीने भी हो सकता हे लेना पड़े|तो आप दो महीने बाद सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कितना टूट गया है कितना रह गया है | अगर रह गया हहै तो थोड़े दिन और ले लीजिए|यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है |

और यही दवा से पित की पथरी (gallbladder stones ) भी ठीक हो जाती है ! जिसे आधुनिक डाक्टर पित का कैंसर बोल देते हैं !
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ये तो हुआ जब stone टूट के निकल गया अब दोबारा भविष्य मे यह ना बने उसके लिए क्या??? क्योंकि कई लोगो को बार बार पथरी होती है |एक बार stone टूट के निकल गया अब कभी दोबारा नहीं आना चाहिए इसके लिए क्या ???

इसके लिए एक और होमियोपेथी मे दवा है CHINA 1000|
प्रवाही स्वरुप की इस दवा के एक ही दिन सुबह-दोपहर-शाम मे दो-दो बूंद सीधे जीभ पर डाल दीजिए|सिर्फ एक ही दिन मे तीन बार ले लीजिए फिर भविष्य मे कभी भी स्टोन नहीं बनेगा|

और एक बात इस BERBERIS VULGARIS से पीलिया jaundice भी ठीक होता है !

आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!
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अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !

वन्देमातरम !!