आज हमारी समस्त सोच का आधार भीड़ और विज्ञापन के साथ, जो प्रत्यक्ष हैं, जो तात्कालिक है, उसके आगे-पीछे प्रायः नहीं जाता। स्वस्थ रहने के लिए हमें रोग के मूल कारणों को दूर करना होगा। शरीर की प्रतिरोधक …
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आज हमारी समस्त सोच का आधार भीड़ और विज्ञापन के साथ, जो प्रत्यक्ष हैं, जो तात्कालिक है, उसके आगे-पीछे प्रायः नहीं जाता। स्वस्थ रहने के लिए हमें रोग के मूल कारणों को दूर करना होगा। शरीर की प्रतिरोधक …
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स्वास्थ्य के संबंध में आज हमारी समस्त सोच का आधार जो प्रत्यक्ष हैं, जो तात्कालिक है, उसके आगे-पीछे प्रायः नहीं जाता। स्वस्थ रहने के लिए हमें रोग के होने के मूल कारणों को दूर करना होगा। शरीर की प्रतिरोधक …
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अच्छी चिकित्सा पद्धति शरीर को आरोग्य ही नहीं, निरोग रखती है। अर्थात जिससे शरीर में रोग उत्पन्न ही न हो। रोग होने का कारण आधि (मानसिक रोग), व्याधि (शारीरिक रोग), उपाधि (कर्मजन्य) विकार होते हैं। अतः अच्छी चिकित्सा …
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प्रायः ऐसा प्रचारित किया जाता है कि आधुनिक समझी जाने वाली ऐलोपैथी चिकित्सा अत्यधिक प्रभावशाली है। क्या ऐसा कथन सत्य पर आधारित है? अगर यह चिकित्सा प्रभावशाली होती तो दवा लेते ही उपचार हो जाता। रोगियों को लम्बे …
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प्रकृति के कानून व्यक्तिगत अनुकूलताओं के आधार पर नहीं बदलते। जानवर आज भी बिना तर्क प्राकृतिक नियमों का पालन करते हैं। अतः उनको अपना जीवन चलाने के लिए प्रायः डाँक्टरों और दवाइयों की आवश्यकता नहीं होती, परन्तु जो …
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