- अच्छी चिकित्सा के मापदण्ड
- उपचार की आवश्यक प्राथमिकताएँ
- उपचार हेतु आत्मा को विकारी बनाना अनुचित
- जड़ विज्ञान और चेतन विज्ञान में अंतर
- प्रमुख अगों में प्राण ऊर्जा के प्रवाह का समय
- प्राण ऊर्जा का अपव्यय हानिकारक
- प्राण ऊर्जा के मूल स्त्रोत
- प्राण ऊर्जा क्या है?
- प्राण क्या है?
- बांयी हथेली
- रोग का कारण आत्मविकार
- रोग में मन की भूमिका
- वंशानुगत रोगों में माता पिता की भूमिका
- विकार रोग का सूचक
- विभाव अवस्था रोग है
- शरीर में अवयवों के खराब होने का क्रम
- शरीर में सप्त धातुओं के निर्माण का क्रम
- शारीरिक लक्षणों पर आधारित रोग का निदान अपूर्ण
- प्रकृति के सनातन सिद्धान्त
- सही निदान हेतु समग्र चिंतन आवश्यक
- स्वावलम्बी चिकित्सा क्या है?
- स्वावलम्बी चिकित्सा क्यों प्रभावशाली?
- स्वास्थ्य के प्रति स्वयं की सजगता आवश्यक
- स्वास्थ्य के संबंध में भगवान महावीर का दृष्टिकोण
- स्वास्थ्य वर्धक जीवन शैली
- स्वास्थ्य हेतु चिकित्सा के विभिन्न दृष्टिकोण
- स्वास्थ्य हेतु शरीर मन और आत्मा को एक इकाई मानना आवश्यक
- स्वास्थ्य हेतु चिकित्सा के विभिन्न दृष्टिकोण
- स्वास्थ्य वर्धक जीवन शैली
- स्वास्थ्य के संबंध में भगवान महावीर का दृष्टिकोण
- स्वास्थ्य के प्रति स्वयं की सजगता आवश्यक
- स्वावलम्बी चिकित्सा क्यों प्रभावशाली?
- स्वावलम्बी चिकित्सा क्या है?
- सही निदान हेतु समग्र चिंतन आवश्यक
- शारीरिक लक्षणों पर आधारित रोग का निदान अपूर्ण