सिद्धांत

  1. अच्छी चिकित्सा के मापदण्ड
  2.  उपचार की आवश्यक प्राथमिकताएँ
  3. उपचार हेतु आत्मा को विकार बनाना अनुचित
  4. जड़ विज्ञान और चेतन विज्ञान में अंतर
  5. प्रमुख अगों में प्राण उर्जा के प्रवाह का समय
  6. प्राण ऊर्जा का अपव्यय हानिकारक
  7. प्राण ऊर्जा के मूल स्त्रोत
  8. प्राण ऊर्जा क्या है
  9. प्राण क्या है
  10. बांयी हथेली
  11. रोग का कारण आत्मविकार
  12. रोग में मन की भूमिका
  13. वंशानुगत रोगों में माता पिता की भूमिका
  14. विकार रोग का सूचक
  15. विभाव अवस्था रोग है
  16. शरीर में अवयवों के खराब होने का क्रम
  17. शरीर में सप्त धातुओं के निर्माण का क्रम
  18. शारीरिक लक्षणों पर आधारित रोग का निदान अपूर्ण
  19. प्रकुति के सनातन सिद्धान्त
  20. सही निदान हेतु समग्र चिंतन आवश्यक
  21.  स्वावलम्बी चिकित्सा क्या है
  22. स्वावलम्बी चिकित्सा क्यों प्रभावशाली
  23.  स्वास्थ्य के प्रति स्वयं की सजगता आवश्यक
  24.  स्वास्थ्य के संबंध में भगवान महावीर का दृटिकोण
  25.   स्वास्थ्य वर्धक जीवन शैली
  26. स्वास्थ्य हेतु चिकित्सा के विभिन्न दृष्टिकोण
  27. स्वास्थ्य हेतु शरीर मन और आत्मा को एक इकाई मानना आवश्यक
  28. स्वास्थ्य हेतु चिकित्सा के विभिन्न दृष्टिकोण
  29. स्वास्थ्य वर्धक जीवन शैली
  30. स्वास्थ्य के संबंध में भगवान महावीर का दृटिकोण
  31. स्वास्थ्य के प्रति स्वयं की सजगता आवश्यक
  32.  स्वावलम्बी चिकित्सा क्यों प्रभावशाली
  33.  स्वावलम्बी चिकित्सा क्या है
  34. सही निदान हेतु समग्र चिंतन आवश्यक
  35. शारीरिक लक्षणों पर आधारित रोग का निदान अपूर्ण

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


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