क्या स्वास्थ्य हेतु शरीर का सम्पूर्ण ज्ञान आवश्यक है?
जनसाधारण को मात्र इतनी जानकारी हो जाए कि शरीर में असन्तुलन क्यों और कैसे बिगड़ता है? शरीर की प्रतिकारात्मक शक्ति क्यों और कैसे कम होती है? उससे कैसे बचा जा सकता है? शरीर की प्रतिकारात्मक शक्ति को कैसे बढ़ाया जा सकता है? शरीर, मन, और आत्मा के विकारों को कैसे दूर किया जा सकता है? मात्र इतनी जानकारी रखने वाला और उसके अनुरूप आचरण करने वाला आसानी से स्वस्थ जीवन जी सकता है।
स्विच चालू करने की कला जानने वाला बिजली के उपकरणों का उपयोग आसानी से कर सकता है। उसे यह जानने की आवश्यकता नहीं होती कि बिजली का अविष्कार किसने, कब और कहाँ किया? बिजलीघर से बिजली कैसे आती है? कितना वोल्टेज, करेन्ट और फ्रिक्वेन्सी है? मात्र स्विच चालू करने की कला जानने वाला उपलब्ध बिजली का उपयोग कर सकता है। विभिन्न स्वावलंबी चिकित्सा पद्धतियों की ऐसी साधारण जानकारी से न केवल अपने आपको स्वस्थ ही रख सकता है, अपितु असाध्य से असाध्य रोगों का बिना किसी दुष्प्रभाव के प्रभावशाली ढंग से उपचार किया जा सकता है।